डॉ. जॉन स्मिथ, परियोजना के प्रमुख शोधकर्ता के अनुसार, "यह टीका [विशिष्ट बीमारी] के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक बड़ा कदम है। हमारी टीम ने इसकी सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास किया है।" इस परियोजना में नैदानिक परीक्षणों के कई चरण शामिल थे, जिसके लिए अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों और नियामक निकायों के साथ व्यापक सहयोग की आवश्यकता थी। परिणाम अपेक्षा से अधिक रहे हैं, टीके ने बीमारी को रोकने में 95% प्रभावकारिता दर दिखाई है।
इस विकास से वैश्विक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस टीके को व्यापक रूप से अपनाने से दुनिया भर में [विशिष्ट बीमारी] की घटनाओं में काफी कमी आ सकती है। उदाहरण के लिए, उन क्षेत्रों में जहां यह बीमारी स्थानिक है, टीका सालाना हजारों लोगों की जान बचा सकता है। इस परियोजना की सफलता वैक्सीन तकनीक में आगे की प्रगति का मार्ग भी प्रशस्त करती है।